

बीकानेर: फ्लैक्स लगा कर ली इतिश्री, यदि हादसा हुआ तो कौन होगा जिम्मेवार?
बीकानेर अबतक. 07 अगस्त
बीकानेर। इस बरसात के मौसम में बीकानेर शहर में अनेक स्थानों पर जर्जर व खण्डर भवनों के गिरने की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिम्मेवारों को जिम्मेदारी का अहसास तक नहीं है। इसका आलम ये है कि पार्षद ने एक चेतावनी भरा फ्लैक्स लगाकर अपने कार्य के प्रति इतिश्री कर ली है। नगर निगम की सुस्ती के चलते शहर में जगह-जगह खड़े जर्जर मकान, भवनों की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
शहर में हादसा होने पर जिला प्रशासन हरकत में तो आता है, किंतु जैसे ही मौसम बदलता है। उसी के अनुरुप मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाता है। हर बार ऐसे जर्जर व खण्डर में तब्दील हुए भवनों व मकानों के सर्वे कराने के आदेश तो होते है। उन पर कार्रवाई कितनी होती है।
उसी की बानगी है बीकानेर के पारीक चौक में शंकरजी पापड़ वालों की गली में हनुमान कुमार, सुशील पारीक के मकाने के सामने पांच फीट की गली में खण्डर में तब्दील हुआ दो मंजिला मकान। सावन के माह में लगी झड़ी के चलते यह खण्डर में तब्दील हुआ दो मंजिला मकान कभी भी गिर सकता है। जिसके चलते आसपास रहने वालों तथा इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को जान और माल दोनों का ही खतरा बना हुआ है। दिलचस्प बात ये है कि स्थानीय वार्ड पार्षद ने एक चेतावनी भरा फ्लैक्स लगाकर अपने कार्य के प्रति इतिश्री कर ली है।
इसी प्रकार से पारीक चौक में खेजड़ी के पास सैटेलाइट अस्पताल के सामने भी एक मकान पिछले 20 वर्षों से बंद व खंडहर पड़ा है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय व हैप्पी नर्सरी सेकेंडरी स्कूल जाने का रास्ता है। खुली जगह होने से दोनों स्कूलों के बच्चे खेलते भी हैं। देखा जाए तो नगर निगम सूचना तंत्र सफाई कर्मचारी जमादार सफाई निरीक्षक से शुरू होता है। इस तंत्र को ना अवैध निर्माण नजर आता है और ना ही खंडहर में तब्दील होते मकान से शायद इन्हें किसी बड़े हादसे का इंतजार है!
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