बिन फेरे हम तेरे…लडक़ा-लडक़ी फरार, सात फेरों से पहले…
बीकानेर अबतक. 02 अप्रैल
बीकानेर। हमारा देश जितना बड़ा है उतने ही तरह के लोग यहां रहते है और उतने ही उनके रिति रिवाज है। बिन फरे हम तेरे…लडक़ा-लडक़ी फरार, सात फेरों से पहले सात दिन लिव इन की परम्परा है। दोनों एक-दूसरे को इन सात दिनों में भली-भांति समझ लेते है। उसके बाद ही इनकी शादी होती है।
जी हां हम बात कर रहे है आदिवासी गैरसिया जनजाति की। जहां शादी के बगैर ही साथ रहना पसंद करती हैं। ये शादी से पहले ही अपने साथी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहती हैं। दरअसल, आज भी राजस्थान के आबूरोड के बाहुल्य क्षेत्र गरासिया समुदाय में होली के बाद मेले का आयोजन होता है, जिसमें बरसो पुरानी परंपरा मनाई जाती है. यहां लडक़ी, लडक़े को पसंद करती है और परिवार वाले एक-दूसरे से आपसी रजामंदी के लिए दोनो सम्बंधी मुंह मीठा करके सम्बंधों में मिठास लाते हैं। आदिवासी समुदाय में होली के बाद इस स्वयंवर के मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें लडक़ी, लडक़े को पसंद करती है और वहां से निकलकर भाखर देवता का आशीर्वाद लेकर नक्की झील की परिक्रमा करती है और इसकी सूचना एक-दूसरे के परिवार को दी जाती है। फिर आपस में सम्बंधी एक-दूसरे को मनाने के लिए एक-दूसरे के घर पर जाते हैं और उनका मुंह मीठा करवाकर शादी के लिए राजी करते हैं।

हमारे वाट्सएप ग्रुप से जुडऩे के लिए लिंक करें

https://chat.whatsapp.com/CVZnNJvhvb2Kn0eJnaWKsm