
बीकानेर: अट्टा-सट्टा में उजड़ गए दो परिवार, बहू को छोडक़र बेटी को ले गए
बीकानेर अबतक. 02 जुलाई
बीकानेर। सामाजिक कुरीति के चलते एक नहीं, बल्कि दो परिवार उजड़ गए। दरअसल, यह हम अट्टा-सट्टा प्रथा की बात कर रहे है। जिसमें एक बेटी दी जाती है उसके बदले एक बेटी ली जाती है। यानी दोनों ही एक-दूसरे की भाभी-ननद होती है। ऐसा ही एक मामला बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहां अट्टा-सट्टा प्रथा के चलते एक नहीं, बल्कि दो परिवार उजड़ गए। किसी बात को लेकर मनमुटाव के चलते बहू को छोड़ गए और बेटी को अपने साथ ले आए।
कालूबास निवासी भारती पुत्री जगदीश ब्राह्मण ने पुलिस थाने पहुंचकर बीकानेर के शोभासर निवासी अपने पति मनोज कुमार, ससुर हड़मानाराम पुरोहित, सास काशीदेवी के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में बताया कि 10 फरवरी 2022 को उसका विवाह मनोज के साथ हुआ था। 11 फरवरी को उसके भाई शिवप्रसाद का विवाह उसी की ननद अम्बिका के साथ हुआ था। उसने बताया कि उसके पिता ने हैसियत से कहीं अधिक उसको दहेज दिया था। आरोप लगाया कि आरोपी एक लाख रुपये नगदी व मोटर साइकिल की मांग को लेकर उसको तंग व परेशान करने लगे। रिपोर्ट के मुताबिक उसके पुत्र जन्म पर भी ससुराल वालों ने यही मांग दोहराई। इसको लेकर पीडि़ता ने पहले भी थाने में मामला दर्ज करवाया। किंतु ससुराल वालों ने अपनी गलती को मानते हुए आइंदा दहेज की मांग नहीं करने की बात कहते हुए उसको वापस ससुराल ले आए। कुछ दिन ठीक रहने के बाद आरोपी फिर से दहेज की मांग करने लगे। जिसको लेकर आरोपी उसके साथ मारपीट करते हुए शारीरिक व मानसिक प्रताड़ता देते थे। इसी बीच पिता व समाज के मौजिज लोगों ने फिर से घर बसाने का प्रयाय किया, किंतु आरोपी नहीं माने। आरोप है कि 7 सितम्बर 2023 को आरोपी उसको गाड़ी में डाल उसके पिता के घर उतार गए तथा जाते वक्त वे अपनी बेटी अम्बिका को भी अपने साथ ले गए। आरोपियों ने उसको बसाने से इनकार करते हुए उसका स्त्रीधन भी लौटाने से इनकार कर दिया। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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